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रेडी टू ईट मील और फ्रोजन पिज्जा के सेवन से जल्द आ सकती है मौत :

रेडी टू ईट मील और फ्रोजन पिज्जा के सेवन से जल्द आ सकती है मौत :

रेडी टू ईट मील और फ्रोजन पिज्जा के सेवन से जल्द आ सकती है मौत : शोध

क्या आपको भी रेडी टू ईट मील आसान लगता है. क्या आपको पिज्जा खाना पसंद है और आप कुकीज, सॉस, हॉट डॉग और आइसक्रीम आदि का अधिक सेवन करते हैं तो बता दें कि एक शोध के अनुसार यह सब आपको तेजी से मौत की ओर धकेल रहे हैं.

 

ऐसे रेडी-टू-ईट-या-हीट औद्योगिक फॉर्मूलेशन, जो खाद्य पदार्थों से निकाले गए कंपोनेंट से बने होते हैं या प्रयोगशालाओं में सिंथेसाइज्ड होते हैं, धीरे-धीरे कई देशों में पारंपरिक खाद्य पदार्थों और ताजा व न्यूनतम संसाधित सामग्री से बने भोजन की जगह ले रहे हैं.

साओ पाउलो विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता, एडुआडरे ए.एफ. निल्सन ने कहा, ‘पिछले मॉडलिंग अध्ययनों ने सोडियम, चीनी और ट्रांस फैट, और विशिष्ट खाद्य पदार्थ या पेय, जैसे चीनी मीठे पेय पदार्थों के स्वास्थ्य और आर्थिक बोझ का अनुमान लगाया है.’

उन्होंने कहा, ‘हमारी जानकारी में आज तक किसी भी शोध में समय से पहले होने वाली मौतों के कारण के तौर पर अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के प्रभाव का अनुमान नहीं लगाया है. इन खाद्य पदार्थों की खपत के कारण होने वाली मौतों के बारे में जानना जरूरी है. आहार पैटर्न में परिवर्तन बीमारी और समयपूर्व मौतों को रोक सकते हैं.’

ओवर प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं- पैक सूप, सॉस, फ्रोजन पिज्जा, पहले से तैयार भोजन, हॉट डॉग, सॉसेज, सोडा, आइसक्रीम और स्टोर से खरीदे गए कुकीज, केक, कैंडी और डोनट्स. शोध की अवधि के दौरान सभी आयु वर्गों और लिंग वर्गों में अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत ब्राजील में कुल भोजन सेवन का 13 प्रतिशत से 21 प्रतिशत तक थी.

2019 में 30 से 69 वर्ष की आयु के कुल 5 लाख, 41 हजार, 260 वयस्कों की समय से पहले मौत हो गई, जिनमें से 2 लाख, 61 हजार, 61 रोके जाने योग्य, गैर-संक्रामक रोगों से थे. शोध में पाया गया कि उस वर्ष लगभग 57 हजार मौतों को अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो सभी समय से पहले होने वाली मौतों का 10.5 प्रतिशत और 30 से 69 वर्ष की आयु के वयस्कों में रोकथाम योग्य गैर-संक्रामक रोगों से होने वाली सभी मौतों का 21.8 प्रतिशत है.

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि अमेरिका, कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे उच्च आय वाले देशों में, जहां अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ कुल कैलोरी सेवन के आधे से अधिक खाते हैं, अनुमानित प्रभाव और भी अधिक होगा. अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत को कम करने और स्वस्थ भोजन विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए कई हस्तक्षेपों और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत हो सकती है.

निल्सन ने कहा, ‘अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन मोटापे, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कुछ कैंसर और अन्य बीमारियों, जैसे कई रोग परिणामों से जुड़ा है, और यह ब्राजील के वयस्कों में रोकथाम योग्य व समय से पहले होने वाली मौतों का एक महत्वपूर्ण कारण दर्शाता है.’

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